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Neha Saxena

Inspirational

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Neha Saxena

Inspirational

माँ

माँ

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क्या करूँ मैं वर्णन उसका

जिनसे से जीवन पाया है

 

नतमस्तक हों देवता भी जिनके

माँ रूप ही ऐसा पाया है


देखे जो बलाएँ बच्चों पर अपने

हर धागा मन्नत सा बांधा है


करे प्रार्थना हर मंदिर मस्जिद

स्वयं के लिए कुछ न मांगा हैं


जरूरत हो गर किसी भी क्षेत्र में

हर मुश्किल हल निकल ही आया है


कभी अन्नपूर्णा कभी माँ शारदा

हर रूप ही माँ में समाया है


कोई भी हो धर्म जाति उसकी

नाम सर्वश्रेष्ठ ही आया है


कर आएं वो तीर्थ सारे

सर जिसने माँ के नवाया है


ईंट पत्थर से महल बनाया 

पर घर माँ से ही कहलाया है।।


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