।। माँ ।।
।। माँ ।।
हे ! जन्मदात्री जननी सदा,
करूँ चरण पूजा तेरी।
मुझको जन्म दिया तुमनें,
किया उचित पालन मेरी।।
हाथ पकड़ सिखलाती चलना,
सिखलायी मीठी बोली।
हे!जन्मदात्री जननी सदा,
करूँ चरण पूजा तेरी।।
धूप छाँव से हमें बचाया,
पग-पग बढ़ना सिखलायी।
हुआ कष्ट जब भी मुझको,
सबसे पहले तू आयी।।
अपने सुत के कष्टों को माँ,
सच ही भूल नही पाती।
माँ तेरी ही आँचल में मैंने,
जीवन की खुशियां पायी।।