मां
मां
कर लो नमन आज,
मां की सेवा महान है,
मां के बड़े उपकार है,
वो शानों की शान है।
मां सब कुछ सहती,
कुछ भी नहीं कहती,
वो गंगा पवित्र होती,
पूरे जग में वो बहती।
उपकार ना उतर पाए,
सदा जग को हंसाए,
मां है ममता की मूर्ति,
बच्चे को गले लगाए।
नमन करो उसे सदा,
रहने नहीं देती भूखा,
वो बरसात कर देती,
जब पड़ता है सूखा।