मां सरस्वती वंदना
मां सरस्वती वंदना
मां सररस्वती तुझको में वंदन, करूँ
बारम्बार
मां शारदे तुझको में सुमन चढाऊँ
बारम्बार
तू ज्ञान की देवी, तुझे में शीश नवाऊँ बारम्बार
तू स्वर की देवी तुझको में रिझाऊँ बारम्बार
मूढ़ कालीदास को बना दिया तूने पल में ज्ञानी,
तुझ पर मां शारदे में वारि-वारि जाऊँ बारम्बार
तुझसा मां कोई और उदार न पाऊं इस संसार
मां सरस्वती तुझको में वंदन, करूँ
बारम्बार
मेरी शारदे माँ मन तमस एकपल में हटा देती है,
तुझमे लख-सूर्य रश्मि चमत्कार पाऊँ बारम्बार
कोई न साखी का, यह संसार छलावा
माटी का
जला भीतर ज्ञान दीप, तुझमे लगन लगाऊं बारम्बार
विद्या वो धन है, जिसे नही कोई चोर चुरा सकता
हे विद्या की देवी, तुझसे अज्ञान मिटाऊं बारम्बार
पर मेरी माँ कुछ अज्ञान मिटा इस रीट भर्ती का
जिससे मिटे भ्रष्टाचार, रोजगार पाये बस ईमानदार
चोरों, भ्रष्टाचारियों को मेरी माँ दे तू वो फटकार
कर अपनी वीणा का तू माँ शारदे वो सिंहनाद
कलम के शब्द, भ्रष्टाचारियों पर करे आघात
मिट जाये तम सारा, सच का लिखूं सदा जज्बात
मां वाग-वागेश्वरी तुझको में वंदन करूँ
बारम्बार
मां शारदे तुझको में चंदन धूप लगाऊं बारम्बार
सुन मां शारदे तू साखी बेटे की करुण पुकार
सच बोलूं, सच लिखूं, शब्द-वाणी में मां कर चमत्कार।
