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Dr.rajmati Surana

Inspirational

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Dr.rajmati Surana

Inspirational

माँ मूझे भी जीने दो

माँ मूझे भी जीने दो

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नन्ही परी हूँ मैं सुन्दर कोई कहानी नहीं हूँ,

माँ के जिस्म का अंश कोई कहानी नहीं हूँ।


मेरे छूने से माँ का दिल संवर जाता है,

मेरै कलरव से ऑगन महक जाता है।


क्यो जग वाले मुझे गर्भ में ही मारते हैं,

मुझे क्यों सभी घर का बोझ मानते हैं।


जय माता दी के जयकारे जोर जोर से लगाते हो,

क्यूँ फिर गर्भ में पलने से पूर्व कन्या मार गिराते हो।


जाने क्यूँ अपने गर्भ की आवाज गर्भ में दबा देते हैं,

कुण्ठित मानसिकता वाले दरिंदे क्यों नहीं घबराते हैं।


कन्या अभिशाप है इस धारणा को आओ मिलकर बदले,

कोख में पल रही नन्ही कलियों का आओ मिलकर बचाये।


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