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Naveen Singh

Romance

3  

Naveen Singh

Romance

मान लेंगे तुम्हारे गिले शिकवे सारे

मान लेंगे तुम्हारे गिले शिकवे सारे

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मान लेंगे तुम्हारे , गीले-शिक़वे सारे जो,' उसी' प्यार का तुम वादा करो। 

लाओ , कर दें दस्तख़त तुम्हारे कोरे कागज़ पर ,जो साफ़ दिल से लिखने का इरादा करो। 

छोड़ देंगे तुम्हारे सपनों में आना, जो दिन में हमें भूल जाने का वादा करो। 

मेरी यादों की दरिया पार कर , किसी और किनारे की सोचो जब कभी ,

मेरी प्यार की लहरों से बच कर रहना जरा , मेरे किनारे तुमको झोंक दे न कहीं। 

चले जायेंगे तेरे जेहन -जहाँ से,जो पलट के न देखने की तुम हिम्मत रखो। 

ताकेंगे नहीं कभी उस खिड़की पर हम दोबारा , जो पन्नो के सूखे गुलाबों को लौटाने का इरादा करो। 

अगर जलाने की ज़ुर्रत कर सको मेरे प्रेम पत्रों को , तो बेशक़ करना। 

पर याद रखना सनम ! जलाकर कुचलना भूल न जाना। 

मेरे एहसाह हैं ये , जलने के बाद भी उभर आयेंगे। 

चाँद तारे रखना अपने दामन में तुम , पर पहले बताओ मेरा सूरज निकाल पाओगे क्या ?

नशा किया नहीं मैंने दूजा कोई , इक सिवाय तेरे प्यार के। 

छुड़ाने जाओगे तुम अगर , तो सुन लो ऐ हसीं

नशा छुड़ाने में तेरे प्यार की , कहीं साँस छूट जायें न मेरी कहीं। 



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