माँ का आँचल
माँ का आँचल
माँ के आँचल का एक अजीज राज है
सारे चाहे कितने मुस्तलफ हो
मगर इस राज का एक अलग अंंदाज है।
जब हो हम सफर में अकेले
कोई आसरा हो ढूूढ़ते
तब माँ के आचल से
हमारे राह को एक दिशा मिले।
हम सफर सेे जब थके
न उम्मीद ले घर आते
तो माँ की थपकियों से फिर नई उम्मीद मिले।
एक ऐसा ये घर है
जिसके दरवाजे सदा खुले
शीतल ममता का फिर हममे सदा रसधार बहे।
माँ की ममता ही तो बस एक ऐसा संसार में
जो मिलता सभी को बिना किसी भेदभाव में।