माँ बिन, कौन?
माँ बिन, कौन?
खुद गीले में सो के हमको
सूखे पे सुलाए कौन ?
छोटी-सी भी घाव लगे तो
माँ बिन अश्क़ बहाए कौन ?
भूख नहीं रहती है फिर भी
जबरन मुझे खिलाए कौन ?
हरेक निवाला तोता-मैना
कह-कर मन बहलाए कौन ?
माथे को गोदी में रख कर
बालों को सहलाए कौन?
खेल से थककर घर लौटूं तो
माँ बिन पैर दबाए कौन ?
जा रहा ग़र दूर कहीं तो
बार-बार समझाए कौन ?
थोड़ी-सी भी देर हुई तो
माँ बिन राह निहारे कौन ?
गुस्से में कभी डांट लगाकर
वापस फिर पुचकारे कौन ?
माँ तो आखिर, माँ है भाई
माँ सा प्यार लुटाए कौन ?