माँ अनमोल है
माँ अनमोल है
माँ की ममता के आगे कोई शक्ति नहीं टिक पाती है,
माँ ममता की वो मूरत ,जो संतान के लिए अड़ जाती है।
"माँ" है एक सागर विशाल जिसमें संतान उछल कूद करती है
संतान के सपनो के लिए माँ कुछ भी कर जाती है।
हृदय की वेदना मन में दबाकर हर दुख माँ सह लेती है,
अपने बच्चों की ख़ातिर माँ भूखे पेट भी रह लेती है।
माँ के लिए उसकी संतान एक हो या फिर अनेक,
सबके प्रति प्रेम, स्नेह, वात्सल्य माँ बच्चों को देती है।
रात के अंधेरे में तो हर किसी को डर लगता है पर,
माँ के आँचल में बच्चे को अंधेरे में भी सुख की नींद आती है।
संतान के लिए उसकी माँ ईश्वर के समान होती है,
संतान के कुछ भी बिना बताए, माँ उसकी आँखे पढ़ लेती है।
माँ के बारे में क्या लिंखू शब्द कम पड़ जायेगें,
"शाहाना" नहीं कर पायेगी बखान माँ का, आँखो में आँसू भर जायेगें।
जन्म देना संतान को , माँ को और अधिक महान बनाता है,
संसार का नहीं अस्तित्व कुछ भी, बिन माँ के आसमान भी रोता है।।