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Pinky Dubey

Tragedy

3  

Pinky Dubey

Tragedy

माहामारी का जाल

माहामारी का जाल

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दुनिया घिर गइ है माहामारी के जाल मे

मर रहे लोग

रोज़ हो रही है मौत

बिलख़ कर रोह रहे हैं लोग

कैसा जाल फैालाया है

इस करोना ने

इस मुसिबत के घड़ी मे लोग

हो रहे हैं स्वार्थी

देख रहे है अपना स्वार्थ

ऊनको लगता है जिंदगी का कोई मोल नही

ऊनसे पुछो जिसने अपनो को खोया है

दुनिया मे पैसे फिर कमाए जा सकते हैं

मगर इन्सान को लौटा नही सकते

हे इन्सान अपना स्वार्थ छोड़ इन्सान की कीमत समझो

उन पैसो का क्या मोल जो किसी के घर को तोड़ कर बना हो

ऐ इन्सान दूसरे इन्सान को समझ

खुद जी और दूसरे को भी जीने दे।


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