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Dheerja Sharma

Drama

3  

Dheerja Sharma

Drama

लोक व्यवहार नेग रिवाज़

लोक व्यवहार नेग रिवाज़

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लोक व्यवहार नेग रिवाज़

इन्हीं से तो चलता है समाज।


मीठा बोलो दिल लो जीत

कोई न दुश्मन,सब ही मीत।


सद्गुण जिसे बख्शे परमात्मा

साधारण से बने महात्मा।


कड़वी वाणी नहीं बोलना

पैसे से प्यार नहीं तोलना।


लोक व्यवहार नेग रिवाज़

गर अपनाओ, महके समाज।


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