लोगों को जरा समझाने दो
लोगों को जरा समझाने दो
एक बार मन भर जाने दो,
शब्दों की विरहा को आने दो।
समझना हमारी फितरत होगी,
लोगों को जरा समझाने दो।
आवाज हमारी साधना होगी,
आगाज़ तुम्हारी वासना होगी।
तुम खूब सुनाते हो सजा प्यार की,
हम समझ नहीं पाते दिशा आपकी,
अपनों की दुत्कार दुनिया की पुकार बन जाये,तो
किसी ख्वाब को हकीकत मिल जाये वो दिन आये।
यह मेरा दिल है जो बहकता नहीं अपनी बेरुखी से,
बहक गया तो फिर कोई दर्द बचेगा नहीं मेरी लेखनी से।
कुछ दूर तो नहीं बहुत दूर चला आया हूं,
तुझे छोड़ के नहीं अपनी याद छोड़ आया हूं।
मेरे हमकतब मेरी हम आवाज़ बनो,
हमनशीनी से तुम सब हमजात़ बनो।
कितने बेअसर बेअदब होते हैं कुछ लोग,
कुछ सुनते नहीं कुछ सुनते हैं कुछ ढोंग।
चांदी जैसा दिल है और फांदी जैसे जज्बात,
रोक सको तो रोक लो पथ मेरा करके आघात।
स्याह है जिंदगी फिर भी गरुर इतना है,
मालूम है जिंदगी में कब कहां कैसे रुकना है।
