STORYMIRROR

AS 14

Abstract

4  

AS 14

Abstract

लोग कहते हैं..

लोग कहते हैं..

2 mins
383

लोग कहते हैं कि अगर अपना दर्द किसी

को को सुना नहीं सकते तो कागज़ पर लिख ही दिया करो,

पर उन्हें क्या पता कि कितने सालों से यह दास्तान शुरू हुई हैं,


अब पीछे मुड़ कर देखते हैं तो पता ही नहीं चलता कि

वो स्याही से लिखे थे या फिर आंसुओ से।

लोग कहते हैं कि अगर अपने आंसू

दिखा नहीं सकते तो छुपा ही लिया करो,


पर उन्हें क्या पता कि कितने तकियों ने

यह कहानी महसूस करके भी इन्कार करने की हिम्मत की है,

अब पीछे मुड कर देखते हैं तो पता ही

नहीं चलता कि वो छुपाएं गए थे या फिर सुखाएं गए थे।


लोग कहते हैं कि अगर अपना चेहरा खिला

नहीं सकते तो ठीक से ढक ही लिया करो,

पर उन्हें क्या पता कि कितने खुशी के

सेहरे हमारा गम सहतेहुए टूटकर बिखर गए हैं,


अब पीछे मूड कर देखते हैं तो पता ही नहीं

चलता कि वो मजबूरी में टूटे थे या जानबूझकर ।

लोग कहते हैं कि अगर अपने जख्म

मिटा नहीं सकते तो उन्हें अपनाही लिया करो,


पर उन्हें क्या पता कि अब खुद जख्म भी

हमें ठुकराने की साज़िश रचने लगे हैं,

अब पीछे मूड कर देखते हैं तो

पता ही नहीं चलता कि वो ठुकराएं गए थे या फिर 

भुलाए गए थे।


लोग कहते हैं कि अगर मुस्कुराना सीख

नहीं सकते तो सिखा ही दिया करो,

पर उन्हें क्या पता कि हमारी जिंदगी ने तो

बहुत पहले से हमपे मुस्कुराना शुरू कर दिया है,


पर अब पीछे मुड कर देखते हैं तो पता ही नहीं चलता कि

वो मुस्कुराया करती थी या फिर रोया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract