प्यार....
प्यार....
प्यार एक हसीन इत्तफाक है जो एक बार हो जाए
तो बार बार होता रहता हैं ,
इससे हम जितना दूर भागेंगे उतना ही यह हमें
खुद में समाता रहता है
प्यार बारिश में भीगी हुई मिट्टी की खुशबू की तरह है
जो हमेशा हमारे आसपास होता है
मगर हम उसे महसूस नहीं कर पाते हैं ,
पर जब दो बूंदें उस मिट्टी से मिल जाए तो
उनका एक अलग ही रिश्ता हैं यह समझ जाते हैं
प्यार बांसुरी की तरह होता है जब हम उसे बजाते है
तब हमारे हर एक सांस में संगीत सुनाई देता है ,
अगर गलती से कोई सुर गलत लग जाए तो
उस नाराजगी से पूरा दिन खराब हो जाता है;
प्यार परछाई की तरह होता है अपना वजूद
भले ही समझा नहीं पाता पर उसे कभी
ठुकराया नहीं जा सकता है,
और अगर कभी अंधेरे में उसकी कमी पड़ भी जाए
तो उसका वहीं वजूद हमारे सहारे की उम्मीद बन जाता है
प्यार एक खूबसूरत एहसास है जो कभी आसानी से
हासिल नहीं होता उसे पाने के लिए थोड़ा स्वार्थी होना पड़ता है,
पर एक बार हासिल हो जाए तो जिंदगी भर निस्वार्थी बनकर
जीना पड़ता हैं (क्योंकि प्यार किसी एक इंसान का नहीं हो सकता)।
