लक्ष्य
लक्ष्य
आज मैं चल पड़ा हूँ एक नए सफर पर मन में एक लक्ष्य लिए,
माना राह बहुत कठिन है फिर भी चल पड़ा हूँ एक संकल्प लिए,
हर तरफ से हो रहा परेशानियों और मुश्किलों का जैसे प्रहार है,
जिसने आगे बढ़ने का दृढ़ संकल्प लिया वो करता उन पर वार है,
आशा जुनून परिश्रम और आत्माबल को सींचा है अपने सपनों से,
निरंतर आगे बढ़ते रहने का हौसला मिला है मुझे सिर्फ अपनों से,
मंजिल में खड़ी सभी बाधाओं से अब मैंने लड़ना सीख लिया है,
मुश्किल भरी राहों पर अब मैंने गिरकर संभलना सीख लिया है,
मन में मैनें एक लक्ष्य जो लिया उसे पूरा करने को ठान लिया है,
कांटो में उलझ कर मैंने अब फूलों से महक ना सीख लिया है,
जान लिया अब सच और झूठ के बीच कितने लोग रंग बदलते हैं,
झूठ सच के बीच अंतर करना सीख लिया लक्ष्य मैंने ठान लिया !
