STORYMIRROR

Arpit Sharma

Tragedy

4  

Arpit Sharma

Tragedy

लेकिन मोहब्बत कम है...

लेकिन मोहब्बत कम है...

1 min
562

मोहब्बतों के फ़साने लिए फिरते है.. 

लेकिन मोहब्बत कम है..


मंजिल को चलना है दूर

लेकिन चलने को रासते कम है..

चाहते है खुल के हसना..

लेकिन मुस्कुराने के भी बहाने कम है..

हाथो में लेकर हाथ चलते है.. 

लेकिन एक दूजे का साथ कम है.. 

मोहब्बतों के फ़साने लिए फिरते है .. 

लेकिन मोहब्बत कम है..


शर्तो पे जीते है जिंदगी .. 

लेकिन जीने के होसले कम है .. 

आॅंखो ही आॅंखो में बाते लाख करते है.. 

लेकिन होठों पे कहने को अल्फाज़ कम है..

टूट कर रोना चाहते है... 

लेकिन रोने को गम भी कम है.. 

मोहब्बतों के फ़साने लिए फिरते है..

लेकिन मोहब्बत कम है..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy