STORYMIRROR

ARVIND KUMAR SINGH

Inspirational

4  

ARVIND KUMAR SINGH

Inspirational

क्यों न घरों में ही रह लें

क्यों न घरों में ही रह लें

1 min
265


जिंदगी भर पड़े पछताना

ऐसी हालत न आ जाऐ

गलती कोई न कर बैठें जो

किसी को करोना खा जाऐ,


क्यों न हम घरों में रह लें

थोड़ी सी कठिनाई सह लें,


विकट समस्या मुंह बाऐ

देखो सामने आन खड़ी है

मनुष्यों का नाम मिटा देगी

कहते हैं इससे भी बड़ी है,


चलो फिर हम घरों में रह लें

थोड़ी सी कठिनाई सह लें,


बचने को इस महामारी से

जो भी उपाय है अपनाओ

साफ सफाई का ध्यान रहे

और घर से बाहर मत जाओ,


तो क्यों न हम घरों में रह लें

थोड़ी सी कठिनाई सह लें,


हाथ धोएं और न जाएं बाहर

जतन जीत की आन बनेगा

वर्ना छोटी सी एक चूक से ही

हर बस्ती में शमशान बनेगा,


तो क्यों न हम घरों में रह लें

थोड़ी सी कठिनाई सह लें,


जब तक न हो बहुत जरूरी

तो घरों में घुस कर ही रहना

करोना होकर मरने से अच्छा

कठिन घडी को ही सहना,


चलो फिर हम घरों में रह लें

थोड़ी सी कठिनाई सह लें,


घर में रह कर बच सकते हैं

तो क्यों न घर में ही रह लें

जान बचाने की खातिर हम

कठिन वक्त को भी सह लें।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational