क्यों हर साल।
क्यों हर साल।
क्यों हर साल का हम,
पहले स्वागत करते हैं।
नये साल के लिए हम,
पिछला साल भूलते हैं।
जो नया साल आता है,
उत्साह बढ़ जाता यारों।
सकारात्मक रहते सभी,
नये साल का स्वागत है।
जैसे-जैसे साल जा रहा,
अच्छा-बुरा संग हो रहा।
साल को हम दोषी कहें,
साल बदक़िस्मत ये कहें।
कोई भी साल अलग ना,
हर साल समान होता है।
अच्छा-बुरा साल की ना,
हमारे कर्मों से हुआ सदा।