संतोष
संतोष
बहुत
पाने की
इच्छा
नहीं है
जितना है
बस
काफी है
प्रेम
हमारी
थाती है
वो बस
मेरे
साथ रहे
मैं प्रेम को
पाकर
दुनिया में
सबसे
धनी हूं
अब मुझे
कुछ भी
शेष
नहीं
चाहिए
यही
हमारे लिए
काफी है।
बहुत
पाने की
इच्छा
नहीं है
जितना है
बस
काफी है
प्रेम
हमारी
थाती है
वो बस
मेरे
साथ रहे
मैं प्रेम को
पाकर
दुनिया में
सबसे
धनी हूं
अब मुझे
कुछ भी
शेष
नहीं
चाहिए
यही
हमारे लिए
काफी है।