STORYMIRROR

Nisha Nandini Bhartiya

Classics

2  

Nisha Nandini Bhartiya

Classics

क्या पाना क्या खोना है

क्या पाना क्या खोना है

1 min
735

जीवन के इस पथ पर देखो 

क्या पाना क्या खोना है। 

जीवन है एक गीत सुहाना

मिलकर सबको गाना है। 


रहते जो दुविधा में हर पल

खुशियां पीछे रह जाती हैं। 

लक्ष्य थाम जो बढ़ते आगे

उनका जीवन ही जीना है। 


मत सोचो क्या खोया तुमने 

सोचो तुमने क्या पाया है। 

जीत उसी की होती हरदम

कर्म-पथ जिसने जाना है। 


जीवन सुख-दुख का मिश्रण

फलसफा जो समझते हैं। 

सफलता पाते हैं हरदम

दामन खुशियों से भरते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics