क्या नाम दूं
क्या नाम दूं
ना हमें भूले हो और ना हमें भूल ने देते हो
नहीं पास आते हो और नहीं मुझे आने देते हैं
बातें हमारी पसंद है, लेकिन बातें करना नहीं चाहतें
नहीं भरोसा है, और नहीं हम पे यकीन
फिर भी हम से मुहब्बत का दावा करते हो
ये दोस्त इसे क्या नाम दू ? मुहब्बत इंतेज़ार कर रही है,
बस मुहब्बत बनाके हाथ थाम लो
क्यूँ उलजझने बढ़ा रहे हो ?
अपने रिश्ते को कोई तो नाम दो
आप तो मसगुल हो अपनी जिंदगी में,
भूल जाओगे हम ने तो वादा किया है,
मर ने बाद भी याद करेंगेये दोस्त इसे क्या नाम दूँ ?
इतना भी मत खेलो हम से, की खिलोना ही तो जाए
ए दोस्त महोब्बत एक मीठी गुडगुड़ी है,
हम पे थोड़ा भरोसा करके तो देखो
ये दोस्त इसे क्या नाम दूँ ? ये दोस्त इसे क्या नाम दूँ ?