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Shraddha Kandalgaonkar

Abstract

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Shraddha Kandalgaonkar

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क्या भारत मेरा देश है ..

क्या भारत मेरा देश है ..

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..,.मेरा कहा है ??कल मैने मॉल जानें की कोशिश की

  तो मुझे दंडे मार के भाग दिया....


सब भारतीय मेरे भाई बहन है।


.....मेरे नही है,एक लडकी को बहन समझकर बात करने लगा    तो उसने चप्पल मार के भाग दिया...


इसकी समृद्धी और विविध संस्कृति पर हमे गर्व है।


.....मुझे नही लगता,एक संस्कृती वाले दुसरे संस्कृती को गाली    देते है और दंगे मे पहले अपने समृद्धी पे वार किया जाता     है....


हम अपने माता पिता और शिक्षको और गुरुजनो का आदर करेंगे |


..... क्यो बुढापे मे अपने माता पिता को घर से निकाल देते        हैं,गुरुजन की सिख भुलाकर एक दुसरे के जान के दुश्मन बन जाते हैं........


हम अपने देश और देश वासियों के प्रति वफादार रहने की प्रतिज्ञा करते है |


...... तो अपने देश की महत्वपूर्ण बाते दुश्मन को कौन बताता      है,अगर भाईचारा है तो क्यो हम एक दुसरे के खून के  प्यासे है ...


उनके कल्याण और समृद्धी मे ही हमारा सुख निहित है |


......तो क्यो एक समाज बहोत अमीर है और एक समाज को      उनकी जरुरत की चीजे भी मिलती नही.....


क्या हम ये देश को अपना मानते हैं?क्या इस देश की प्रगती मे हम सच में काम कर रहे है? मुझे नहीं .

अपने आप को देना है इन सबका जवाब......

और वो भी आईने के सामने खडे होकर आँखो मे आंखे डालकर..

...तो क्यो नहीं आज फिर से एक बार अपने राष्ट्रीय प्रतिज्ञा को प्रतिदिन हम बोलना चालू करे और उसका महत्व अपने आने वाले पीढ़ी को समझा दे | 



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