कविता
कविता
जीवन का सत्य यही है
एक दिन
जाना है उस पार।
लहरें - दुख-सुख
जीवन - नैय्या
साहस, बुद्धि और विनम्रता
खेवक की पतवार।
क्रोध,लोभ के भंवर में पड़कर
डूब न जाना मंझधार ।
छोड़ के मोह माया के बंधन
एक दिन
जाना है उस पार ।
धन- दौलत और महल -चौवारे
कोई न जाए साथ
जिस काया पर मान है बन्दे
बन जायेगी राख
कोई न जाने कब आएगा
तेरा आखरी सांस
जितने पल हैं साथ में तेरे
कर ले नेक काम
एक दिन
जाना है उस पार ।