कविता
कविता
सौभाग्य को देने वाला
वट सावित्री व्रत कहाये,
वटवृक्ष की करलो पूजा
मनोवांछित फल ही पाये।
ज्येष्ठ माह की अमावस्या
वट, बरगद, पीपल पूजा,
करती रहे जीवन में नारी
इससे बड़ा ना काम दूजा।
सत्यवान सवित्री नमन है
जिनका नाम जगत अमर,
सावित्री ने करके वटपूजा
पति को छुड़ा लाई थी घर।
ब्रह्मा,विष्णु,महेश बसते
वही वटवृक्ष कहलाता है,
पूजा इस दिन करने से
पति दीर्घायु फल पाता है।
गरीब स्त्री को करके दान
विधि विधान से व्रत करो,
साक्षात यम फिर आ जाये
मृत्यु भय से कभी ना डरो।