कुछ सवाल
कुछ सवाल
गर धरती, अंबर और प्रकृति
बारिश, हवाए और सुकृति
सबके लिये बराबर हैं
तो जात, धर्म और संस्कृति
ऊंच नीच की मानव वृत्ति
के चर्चे दुनियाभर क्यों
गर ज़िन्दगी, मौत, मानवाकृति
साँसे, नब्ज़ और हृदयगति
सबके लिये मयस्सर है
तो काला गोरा, लड़का लड़की
में अंतर निरंतर क्यों
गर भेदभाव मानवीय त्रुटी
संवेदनाएं विलुप्त घुटी
मंजर खूब भयंकर है
तो चलो लडे है तभी मज़ा
जब हो खिलाफ़ समंदर क्यों
गर जीत के, मुदित के,
नेक सारी रीत के
आसार सब तसव्वुर हैं
तो वसुधैव कुटुम्बकम की
हार यू मुनव्वर क्यों
