कुछ पल........
कुछ पल........
ये समय भी बड़ा अजीब है,
चलता जाता कभी रुकता नहीं,
कभी किसी का साथ देता फिर किसी के नहीं,
चलते चलते कभी थकता नहीं,
पर इशारों इशारों में कुछ कह जाता है,
की ये ज़िन्दगी तो कुछ पल की है
सोचो पर कभी टालना नहीं,
हालात को मज़बूरी कभी सोचना नहीं,
वो तो आती जाती कभी टिकता नहीं,
उसको बदलना है, कभी उस से हारना नहीं,
ये सब तो हमारे हाथ में है घबराना नहीं,
कुछ पल तो जी भर के जियो अभी है कल नहीं
कुछ पल की ये ज़िन्दगी है, इस को जी ले,
क्या जाने फिर कभी ये हमें मिले ना मिले,
एक दूसरे के साथ अपने सुख दुख बाँट ले,
एक दूसरे को प्यार से अपना बना ले,
अपनेपन का अहसास तो करा ले,
बीते हुए कल को अभी भूल के आज की सोच ले,
जो बीत गया उसके साथ छुड़ा ले,
मिली है ये ज़िन्दगी कुछ पल तो हँस के जी ले....
