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puja babaria

Abstract Thriller

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puja babaria

Abstract Thriller

कुछ पल

कुछ पल

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 इतना ना कर एतबार,

 इतनी ना दे इम्तिहान,


 कुछ पल ठहर जा,

 चलते हुए कदमों को

कह दो रुक जा जरा,

 रात लम्बी है,


 दिन है उलझा पड़ा,

 एक ही करवट में ना जी पूरा,


कुछ पल ठहरजा,

होगा फिर से सवेरा,

जिएँगे फुर्सत से।


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