STORYMIRROR

Geeta Upadhyay

Abstract

4  

Geeta Upadhyay

Abstract

कुछ कंस मामा से हैं

कुछ कंस मामा से हैं

1 min
292

हम ना मीर से हैं

हम ना राधा से हैं

हम ना गोपी से हैं

हम ना गवाला से हैं


दिया था विष प्याले में जिस

हम अनजान उस प्याला से हैं

हमने मिश्री से हैं

हम न माखन से हैं


हम ना मैया यशोदा के आंगन से हैं

टूटी मटकी के टुकड़ों में जो है जमी

पुरानी पड़ी जामन से है

हम ना रुक्मण से हैं


हम ना भामा से है

हम ना मित्र तुम्हारे सुदामा से हैं

अज्ञानी क्रोधी बेचैन लोभी

शायद गुणों में

कुछ कंस मामा से हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract