कुछ कहने से पहले ही ख़ामोश हुए
कुछ कहने से पहले ही ख़ामोश हुए
कुछ सुना भी नही
कुछ कहा भी नही
पर समंदर का शोर
छुपा भी नही !
वो डरा भी नही
वो सम्भला भी नही
इक आदमखोर कभी
मरा भी नही !
कोई टूटा भी नही
कोई छूटा भी नही
वो चेहरा जो कभी
रूठा भी नही !
तुम मैं भी नही
मैं तुम भी नही
जिंदगी वो खेल है
जो जीता भी नही
हारा भी नही !
