"कठिन कर्म"
"कठिन कर्म"
अगर-मगर मत करो,
कर्म में लगे रहो।
यदि कर्म में लगे रहे,
अन्याय से लड़ते रहे।
शिखर पे तुम पहुंचोगे,
सब की तुम सोचोगे।
देश के काम आओगे,
दिलों पे छा जाओगे।।
अगर-मगर मत करो,
कर्म में लगे रहो।
यदि कर्म में लगे रहे,
अन्याय से लड़ते रहे।
शिखर पे तुम पहुंचोगे,
सब की तुम सोचोगे।
देश के काम आओगे,
दिलों पे छा जाओगे।।