फिर कैसा? रोना-धोना? फिर कैसा? रोना-धोना?
तू ने ही उड़ाई थी, मुगलों की नींद, तू ने ही उड़ाई थी, मुगलों की नींद,
अगर-मगर मत करो, कर्म में लगे रहो। अगर-मगर मत करो, कर्म में लगे रहो।
मंजिल पे वो ही पहुंचा, जो चलता ही रहा। मंजिल पे वो ही पहुंचा, जो चलता ही रहा।
उठो जवान देश के, तराने गाओ रे। जो पड़े प्रमाद में, उनको जगाओ रे। उठो जवान देश के, तराने गाओ रे। जो पड़े प्रमाद में, उनको जगाओ रे।
निकल पड़ ! भूल,कल की बातें, नवयुग को स्वीकार कर। निकल पड़ ! भूल,कल की बातें, नवयुग को स्वीकार कर।