प्रेरणा
प्रेरणा
तुम हो दिव्य,
अतीत है भव्य।
फिर कैसा? रोना-धोना?
अखण्ड-प्रचण्ड-पुरूषार्थ,
से
वर्तमान और भविष्य संभालो रे।
तुम हो दिव्य,
अतीत है भव्य।
फिर कैसा? रोना-धोना?
अखण्ड-प्रचण्ड-पुरूषार्थ,
से
वर्तमान और भविष्य संभालो रे।