कतरा ए गजल
कतरा ए गजल
तू मेरी चाहत आहत मेरा दिल कर दिया।
कह सर्वोपरि राहत मेरा दिल कर दिया।
तेरे हुश्न का चर्चा अब सरेआम हो रहा।
मै तेरा आशिक अब बदनाम हो रहा।
गुलाबी गाल होंठ लाल नैन कजरारे है।
काली जुल्फ़े गाल काला तिल बेकरारे है।
तेरे नजर के वार दिल घायल हुआ जाता है।
होंठो मंद मुस्कान कोई पागल हुआ जाता है।
आ बैठ मेरे पास हवाओ तेरी जुल्फ़े लहरा दूँ।
फलक के चाँद तारे तेरी जुल्फ़े गजरा लगा दूँ।
तुझसे है कितनी मोहब्बत तुझे मै बताऊँ कैसे।
दिल में तू ही तू है तुझे मै अब दिखाऊँ कैसे।