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Krishna Bansal

Abstract Inspirational

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Krishna Bansal

Abstract Inspirational

क्षणिकाएं

क्षणिकाएं

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अपने स्वार्थ के लिए मैंने

कई रिश्ते घड़े 

कई पाले

कई नकारे

कई स्वीकारे

क्या पता था 

वह सब मेरे से भी

अधिक स्वार्थी थे।


(2)

दीया, तेल, बाती और माचिस इनके संगम से 

अंधकार होता है रोशन

सेवा सत्संग साधना और 

दिव्य कृपा से 

होता है पवित्र मानव मन।



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