STORYMIRROR

Krishna Bansal

Abstract

3  

Krishna Bansal

Abstract

क्षणिकाएं

क्षणिकाएं

1 min
366

1

आदमी के ऐब

शौक नहीं ऐब 

जुआ,शराब, ताश

ड्रग्ज़, तांक झांक 

सौतन नहीं,

औरत के

सुपर सौतन बन जाते हैं। 

सौतन के पास जाएगा आदमी

दो-चार घंटे के लिए 

यहां तो पूरे दिन-रात का सवाल 

खड़ा हो जाता है।


2

पाप धोने के लिए

अब हरिद्वार जाकर 

गंगा नहाने की 

आवश्यकता नहीं

सुबह सवेरे 

प्रथम कार्य

एक बढ़िया सा 

धार्मिक मेसेज 

वहाट्स ग्रुप में डालो 

और निश्चिंत हो जाओ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract