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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Inspirational Thriller

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Inspirational Thriller

कसौटी जिंदगी की

कसौटी जिंदगी की

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ये जिंदगी मुझे क्या ख्वाब दिखा रही है,

कभी आसमान में मुझे ऊंचे उड़ा रही है,

कभी मुझे ज़मीन पर नीचे पटक रही है, 

कसौटी जिंदगी की अब शुरु हो रही है।


खुशियों के ख्वाब मुझे दिखाती रही है,

कभी महफ़िलों में रोज नचाती रही है,

कभी दिल को बहुत मायूस बना रही है,

कसौटी जिंदगी की अब शुरु हो रही है।


कभी कड़ी धूप में मुझे भटका रही है,

कभी अति शीतल छाँव दिखा रही है,

कभी मुसीबतों का पहाड़ बन रही है।

कसौटी जिंदगी की अब शुरु हो रही है।


न कोई सही दिशा मुझे दिखाती रही है,

न तो कोई उम्मीद अब जीवन में बची है,

"मुरली" को पायमाली में धकेल रही है,

कसौटी जिंदगी की अब शुरु हो रही है।



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