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RAJNI SHARMA

Inspirational

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RAJNI SHARMA

Inspirational

कृषि प्रधान देश का किसान

कृषि प्रधान देश का किसान

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हे विधाता ! तेरा अजब - ग़ज़ब है विधान ,

विवशता से क्यों? ठगा-सा खड़ा है किसान।।


जिस धरा का जय जवान जय किसान नारा है,

कृषि प्रधान देश में कृषक ही क्यों? बेचारा है।।


कैसे? अब देश की धरती सोना उगलेगी,

कैसे ? अन्न की लहलहाती फसलें झूमेंगी।।


लोकतांत्रिक तरीके से जन-जन की पीड़ा को हरो,

विधि विधान से किसानों को मन से सम्मानित करो।।


जब अन्नदाता आनंदित होकर मुस्कुराएगा,

तभी राष्ट्र का पूर्ण विकास संभव हो पाएगा।।


विश्वास व धैर्य से समाधान को लाना होगा,

देशहित में ही हर कदम को बढ़ाना होगा ।।


मेहनतकश अन्नदाता को मेहनताना मिलता रहे,

भेदभाव की सभी राजनीति हस्तक्षेप से निर्गत रहें।। 


आपातकालीन स्थिति में एकता की मशाल जलाओ,

गहन तिमिर को समझ की कटाक्ष से रौशन कर जाओ।।


किसानों के साथ अब कोई राजनीति न करो,

उसके लिए आत्मदाह जैसे चक्रव्यूह न रचो।।


कृषिक्षेत्र को समृद्ध संपन्न करना विकल्प हमारा है,

राष्ट्र की उन्नति में किसानों का परिश्रम ही सहारा है।।



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