करें योग रहें निरोग
करें योग रहें निरोग
शिव हैं आदि योगी आदि योगी से है योग।
योग करने वालों से दूर सदा रहता है रोग।
तन और मन स्वस्थ रहता है इससे हमारा।
सत चित आनंद संधि सच्चिदानंद है योग।
इस शरीर और मन का तालमेल है ये योग।
शरीर और आत्मा का शुद्धिकरण है ये योग।
स्वस्थ शरीर में ही स्वच्छ आत्मा का है वास।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य है ये योग।
सदियों से ही भारतवर्ष में होता रहा है योग।
योग की जननी है भारत हम करते हैं योग।
यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार और।
धारणा ध्यान तथा समाधि ही है अष्टांग योग।
बेहतर पाचनतंत्र प्रदान करता है ये योग।
आंतरिक अंगों को मजबूत करता है योग।
करें योग और रहें निरोग कहते हैं हम सभी।
हमारी त्वचा को चमकदार बनाता है ये योग।
