कर सकता हूँ।
कर सकता हूँ।
मन समन्दर अंतर्द्वंद्व लड़ सकता हूँ,
खामोशी की ध्वनि सुन सकता हूँ।
निज स्वार्थी तत्वों को रुष्ट कर सकता हूँ,
मैं स्वयं को खोज मित्रता कर सकता हूँ।
घबराकर यूँ ही दृढ़ हो सकता हूँ,
कठिन राह धूमिल कर सकता हूँ।
मन की झंकार वीणा मल्हार,
अग्नि प्रज्वलित कर सकता हूँ।
सुमनलता अटखेलियां पग पग
निज स्वभाव वश कर सकता हूँ।
अति आनंदित गुंजित मधुबन
रात चांदनी कर सकता हूँ।
