कर लें उपचार
कर लें उपचार
रहते समय ही कर लें उपचार,
निकल गया समय तो होगा सब बेकार,
केवल पछतावा रह जाएगा बिन बात में,
कड़वी यादें रह जाएंगी केवल साथ में।
लोग तीन तरह के इस संसार में हैं होते,
कुछ नींद में, अधनींदे कुछ,
और जाग्रत भी हैं कुछ होते।
सावधान रहते हैं जाग्रत,
जीवन में ठोकरों से बच जाते।
अधनींदे एक ठोकर में,
भविष्य के हित संभल हैं जाते।
रहते सदा कुछ नींद में न संभलते कभी,
खाते ठोकर वे हर बात में।
रहते समय ही कर लें उपचार,
निकल गया समय तो होगा सब बेकार,
केवल पछतावा रह जाएगा बिन बात में,
कड़वी यादें रह जाएंगी केवल साथ में।
अचरज भरी है ये दुनिया,
यहां संभल करके ही चलना पड़ेगा।
हिम्मत - विवेक के संग-संग,
मिल-जुलकर के ही रहना पड़ेगा।
फरेब भरे इस जगत में,
फूंक-फूंक कदम रखना पड़ेगा।
सरल रहें अति सीधे नहीं,
वरना लोग पहुंचा देंगे बदतर हालात में।
रहते समय ही कर लें उपचार,
निकल गया समय तो होगा सब बेकार,
केवल पछतावा रह जाएगा बिन बात में,
कड़वी यादें रह जाएंगी केवल साथ में।
श्रेष्ठ आचरण रखें ऐसे ,
दी जा सकें जिसकी नज़ीरें।
मेहनत कर हम ऐसे,
जो मिटा दे, दुर्भाग्य की सब लकीरें।
आपसी भरोसा सदा कायम रहे,
तोड़ें भेदभाव की सारी जंज़ीरें।
"ज़माना बुरा है",यह मिट जाए भ्रम,
मिल जुलकर हम सब ही रहें एक साथ में।
रहते समय ही कर लें उपचार,
निकल गया समय तो होगा सब बेकार,
केवल पछतावा रह जाएगा बिन बात में,
कड़वी यादें रह जाएंगी केवल साथ में।