कोरोना
कोरोना
कोरोना ने पहुँचाई बहुत क्षति,
इसकी पूूूूर्ति ना कर पाएगा कोई।
कुछ राहत सी तब नज़र आई,
जब टीकाकरण की खबर आई।
१६ जनवरी से हुई थी शुरुआत,
सोच घटेगा कोरोना का आघात।
सबसे पहले मिली उन्हें दवाई,
जो कर रहे हैं समाज की भलाई।
नहीं पता इस दवा में कितनी है सच्चाई,
अंधेरे में रोशनी की किरण नज़र है आई।
भरोसा करने का इस पर बस दिल है चाहता,
इसके सिवा कोई और चारा नज़र ना आता।
ज्यादा ना सही कुछ राहत तो पहुँच जाएगी,
कुछ छूट अपनों से मिलने की मिल जाएगी।
उम्मीद जरूर जगी है खुलकर सांस लेने की,
परन्तु जरूरत है हर नियम पालन करने की।
कोरोना के टीकाकरण की खेप,
सबको मिले बिना किसी भेद।
याद रखना यह बात है बहुत जरूरी,
दो डोज बिना दवा ना होगी पूरी।
सब मिलजुल कर करें यह प्रयास,
जगाएं जन-जन में अब नयी आस।
कोरोना प्रतिबंधों को सबको अपनाना है,
टीकाकरण अभियान को सफल बनाना है।
