कोरोना से डरो ना
कोरोना से डरो ना
थे हंसी - खुशी दुनिया में सब
आतप से नहीं डरते थे,
बूढ़े - बच्चे नर और नारी
स्वछंद कार्य करते थे।
मचा विश्व में हाहाकार
जब से कोरोना आया,
त्राहिमाम कर रहे मनुज
हर जन को रोना आया।
वीरान हुई सारी दुनिया
कोई न निकलता घर से,
कैसा प्रलय आया जग में
भय आतुर सब अपनों से।
करबद्ध प्रार्थना है प्रभु से
हो स्वास्थ लाभ उन वीरों को ,
निः स्वार्थ भाव से जुटे हुए
सेवा करते बीमारों को।
वैश्विक संकट की घड़ी में हम
दुखियों को न अपमान करें,
सच्चे सप्रेम का भाव लिए
एक - दूजे का सम्मान करें।
अनुसरण करें हर नियमों का
और स्वच्छ रखे हर क्षण तन को,
हम जीतेंगे और जिताएंगे
कोरोना को मार भगाएंगे।