प्यारा भारत
प्यारा भारत

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हम सब भारत के संतान
सभ्यता अपनी पहचान।
हम नित पद - वंदन हैं करते
गाते हैं नित राष्ट्रगान।
यहां की धरती के कण कण में
प्रेम दया ही दिखती है।
त्याग तपस्या व करुणा से
मातृभूमि झलकती है।
इस मिट्टी में सोना चमके
हीरे मोती झलकते हैं।
भांति - भांति के फल फूलों से
उपवन सदा महकते हैं।
जग में सबसे सुंदर भारत
जहां देव भी आते हैं।
संत, मुनि और पतितों पर भी
अपना प्यार लुटाते हैं।
धन्य धन्य अपना यह भारत
धन्य हमारी माता है।
धन यहां की संस्कृति और
वेद पुराण के ज्ञाता हैं।