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Akhtar Ali Shah

Drama

3  

Akhtar Ali Shah

Drama

कोरोना महामारी बाबत

कोरोना महामारी बाबत

1 min
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हिम्मत रखी "अनंत"'आज तक हारे नहीं,

हिम्मत रखेंगे तभी, तो उसे हराएंगे।

कोरोना की महामारी, घुस आई है जो लोगों,

घर की न घाट की ये, रहेगी भगाएंगे।


छाती पर मूंग जो ये, दल रही आज तक,

बंद रहे घरों में तो, जड़ से मिटाएंगे।

ठंडा होने देंगे नहीं कलेजे को कोरोना के,

वायरस भूखे प्यासे सारे मारे जाएंगे।


आग में घी डालना है, भीड़ भाड़ का बढ़ाना,

हिम्मत जो हार गया, भट्टा बैठ जाएगा।

नींद रातों की हराम, एक दिन होगी प्यारे,

कोई पूछने को तेरे, पास नहीं आएगा।


भीड़ का जो भाग बना, परिणाम होगा यही,

किससे कहाँ से कब, रोग तू लगाएगा।

पछतावा होगा तुझे, बात नहीं मान कर,

रोएगा "अनन्त"आँसू खून के बहाएगा।


कोरोना को हिम्मत से, अंगूठा दिखाना यदि,

कसके कमर रखें, हार मत जाईये।

आड़े हाथों लेना यदि, अपने विरोधियों को,

पार कठिनाई पर, हंस कर पाईये।


गिरना है नजरों से, तुमको समाज की तो,

झुंड बना बना कर खूब बतियाईये।

दूसरे बीमार हैं तो, हम तो बीमार नहीं,

ये "अनंत" सोच कर, खुशियां मनाइये।


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