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मिली साहा

Abstract Inspirational

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मिली साहा

Abstract Inspirational

कोरोना को हराना है

कोरोना को हराना है

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हर तरफ़ गूंज रही है दर्द और तकलीफ की करूण आवाज़,

आज इंसान एक-एक साँस की खातिर हो गया है मोहताज,

कोरोना का ये ज़हर अपनों से अपनों की बढ़ा रहा है दूरियाँ,

दिल दहल जाता आज देख कर इंसानों की ऐसी मजबूरियाँ,


कोरोना के भय से मानव का जीवन सुचारु नहीं हो पा रहा,

हर घड़ी हर लम्हा बस इसी का डर हमारे मन में समा रहा,

कितनों की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है इसका गहरा असर,

सब कुछ लगता है पराया - पराया जिंदगी हो गई है बेखबर,


कैसा यह दौर है दुख, दर्द का काला बादल छाया घनघोर है,

कोई ना जाने किस पल यह वायरस आ रहा हमारी ओर है,

बंद हो गए स्कूल बच्चों के भविष्य अंधकार में दिख रहा है,

खेल- कूद से दूर सोशल मीडिया के साथ जुड़ता जा रहा है,


सुनसान पड़ी है सड़कें सब अपनी -अपनी ही धुन में रमे हैं,

दौड़ भाग की थी जिंदगी हमारी अब बस एक जगह थमें हैं,

इस कोरोना ने ऑनलाइन में ही कैद कर दिया है ज़माने को,

आज आवश्यक हो गया अपनाना फिर पुरातन संस्कृति को,


अपनी संस्कृति को छोड़ पाश्चात्य संस्कृति को जो अपनाया,

उसी गलती का भयानक रूप कोरोना बन कर सामने आया,

बिना अस्त्र- शस्त्र के ही ये विश्वयुद्ध बहुत ही विनाशकारी है,

ना रूप है न कोई आकार है इसका किन्तु मुद्रा तो संहारी है,


हवा में खोला इस वायरस ने ऐसा ज़हर सांस लेना मुहाल है,

विश्व की अर्थव्यवस्था का इस विषाणु ने किया बुरा हाल है,

छिपा हुआ यह अदृश्य विषाणु है हर जगह और हर वस्तु में,

किंतु हमें धैर्य से काम लेना होगा इस इम्तिहान की घड़ी में,


स्वच्छता और सतर्कता ही बचाव का उपाय है सबसे उत्तम,

स्वयं के लिए, परिवार के लिए घर पर रहना ही है सर्वोत्तम,

दोस्त, रिश्तेदार जो इस वायरस से ग्रसित हैं उन्हें हौसला दे,

लगातार संपर्क में रहे उनके और हिम्मत ना उनकी टूटने दें


कठिन समय है ये हम सबको मिलकर अब साथ चलना है,

साथ निभा कर एक दूसरे का इस वायरस से हमें लड़ना है,

अफ़वाहों पर विश्वास न करना न गलत अफ़वाह फैलाना है,

हिम्मत से लेना है काम हमें मन को विचलित नहीं करना है,


बुजुर्गों का रखना होगा खास खयाल उन्हें पौष्टिक आहार दें,

उनके स्वास्थ्य के प्रति रहे सजग समय पर उचित उपचार दें,

बच्चों और स्वयं का भी रखना ख्याल इसी में समझदारी है,

अपने परिवार का ख्याल रखना तो हमारी ही जिम्मेदारी है,


यह दौर भी गुज़र जाएगा नया सवेरा खुशियां लेकर आएगा,

मत कर अपने मन को निराश फिर जीवन पटरी पर आएगा,

कोरोना वैक्सीन उम्मीद की एक लौं जला चुकी है जीवन में,

राहत की थोड़ी सांस ली जिंदगी ने कोरोना के इस कहर में,


पर कहर अब भी ज़ारी है कोरोना का ज़हर हम पर भारी है,

सतर्कता अब भी ज़रूरी है क्योंकि पूरी नहीं अभी तैयारी है,

जिंदगी हमारी ज़रूर ठहर गई है किंतु हमने भी यह ठाना है,

विनाशकारी निष्ठूर असूर करोना को मिलकर हमें भगाना है।


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