कोरोना का खौफ़
कोरोना का खौफ़
आज तेरे वजह से कोरोना लोग
सब चीजों की कीमत समझ रहे हैं।
रोज़ वीकेंड पर बाहर डिनर करने वाले
अब महीनों से खिचड़ी कढ़ी खा रहे हैं।
कभी जो आसमान में उड़ते रहने वाले
अब महीनों से ज़मीन की एहमियत समझ रहे हैं।
दोस्तों के साथ रोज़ पब में समय बिताने वाले
अब परिवार के सुख दुख का हिस्सा बन रहे हैं।
रोज़ ब्लेजर और टाई पहन के बाहर निकलने वाले
अब बनियान और बॉक्सर पर घर में समय काट रहे हैं।
रोज़ ऑडी और बी.एम.डब्लू. से बाहर चक्कर
लगाने वाले
अब नगरपालिका के सफ़ाई गाड़ी के आने का
इंतजार कर रहे हैं।
मॉल में बोलिंग और शूटिंग की गेम खेलने वाले
अभी घर में बैठे परिवार के साथ लूडो खेल रहे हैं।
रोज़ कोल्ड कॉफी, फालुदा और जूस पीने वाले
अब अमूल से चाय बनाने की आदत डाल रहे हैं।
रोज़ डुंज़ो और बिग बास्केट से सब्जी मँगाने वाले
अब सब्जी मंडी में खरीदारी करते नज़र आ रहे हैं।
छोटा व्यापारी और सफाई कर्मचारियों को
नज़रअंदाज़ करने वाले
अब उनके भरोसे इस मुश्किल घड़ी में भी
खुश रह पा रहे हैं।
जो खुद के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे
अब खुद को समझने में लगे हैं।
भूल गए थे जो दूसरों के दर्द में रोना
आज वह रिश्ते की अहमियत समझ रहे हैं।
जो कभी धार्मिक भेदभाव के लिए लड़ा करते थे
अब सब भूल कर सबकी सहायता कर रहे हैं।
जो पहले अपना पराया करते रहते थे,
अब सिर्फ इंसान बनकर इंसानियत निभा रहे हैं।