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Durga Singh

Abstract

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Durga Singh

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कोरोना जंग

कोरोना जंग

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ये कोरोना से जंग है

ना सुनना ना सुनना

बस जंग को है, 

आखरी मुकाम तक ले जाना


ना आरोप ना प्रत्यारोप 

महामारी के इस प्रकोप से, 

है जहान को बचाना 


ये चीन के वुहान से आए 

या देश के किसी जहान में अपना कहर बरपाए 

त्रासदी के इस घरी को 

हमलोग स्वहरस मिटाए 


भूल के सारी रंजिशें 

आ बढ़ाए एक कदम को साथ में 

विश्व के विभिन्न मंच से 

आवाज ये लगाए 


हो गया बहुत कोरोना 

अब समेट ले अपने इस कहर को 

हम मानव जो आ गए अपने साख में 


फिर से ना होगी हमारी तुम्हारी ये तकरार 

मिल कर सहेजेगे प्रकृति के अनुपम उपहार को 

जरा सी चूक का इतना बड़ा मोल ना ले 

समेट ले अपने इस विकट माया जाल को... 



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