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Piyush Goel

Drama

4  

Piyush Goel

Drama

कोरा कागज

कोरा कागज

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मैं एक कोरा कागज

किसी के आँगन का,

यूँ ही फेंक दिया जाता हूँ

सड़क पर,


सड़ने के लिए

उड़ने के लिए

उठा ले जाएगा

बेच देगा

किसी कबाड़ी को,


अपना पेट भरने के लिए

जो यूँ की डाल देगा

सड़े गले ढेरों में,


बेच देगा किसी और

बड़े कबाड़ी को

अपना पेट भरने के लिए।


जाने कब तक

यूँ ही बिकता रहूँगा

सड़ता रहूँगा

सड़ी पोलिथीन

पन्नियो के साथ,


जो आसानी से

गलती भी नहीं।


आख़िर वो दिन

कब आएगा

जब चिपका दिया जाउँगा

विश्व प्रसिद्ध किताब में,


और युगों युगों तक

पढ़ा जाऊँगा।


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