कोई पता नहीं
कोई पता नहीं
जिस्म और जमीन ने भी क्या साजिश की!
रूह का भी कोई पता नहीं
जहां जलाया गया दिया वहाँ क्या पूछूं?
वहाँ तो जिस्म का भी कोई पता नहीं
सबका मालिक एक है तो उसने तेरी ओर ही क्यूँ फैसला किया?
यानी मुझे तो उस मालिक का भी पता नहीं
तेरे पास भी क्या रह गया? मेरे बगैर
तेरे बगैर मेरा तो कोई भी पता नहीं
चिपका हुआ जिस्म कोई हो रूह के साथ
मरना तो एक सच है ,जिंदा रहने का कोई पता नहीं
आसमान और जमीन की बाते अजीब
जमीन तो निगल जाएगी जिस्म को आसमान का पता नहीं