कोई नही मेरा है
कोई नही मेरा है
कोई नहीं इस दुनिया में मेरा है
हर शख्स ही यहां पर लुटेरा है
जिसको यहां पर अपना मानते हैं
वो पीठ में खंजर घोपता गहरा है
किस पर विश्वास करूं
किस पर जान निशाँ करूं
अब तो यहां पे खुद का अक्स ही
बिगाड़ रहा सुंदर मुखड़ा मेरा है
कोई नही इस दुनिया मे मेरा है
जिस किसी को अपना माना,
उसने कभी नही अपना जाना,
अब तो मेरी सांसो से भी,
उठ गया विश्वास मेरा है
हर तरफ कातिल ही क़ातिल है,
में अकेला मर रहा हूं तिल-तिल है,
अब तो चारों तरफ ही दिख रहा है,
सिर्फ़ नाउम्मीदी का गहरा अंधेरा है,
कोई नही इस दुनिया मे मेरा है
फिऱ भी साखी हंसना मत छोड़,
ख़ुद की रूह का गला मत घोट,
आज नही तो कल फिर सवेरा होगा
तू खुद को अंधेरे में मत मोड़
लाख प्रयास कर ले ये ज़माना,
तू खुद को शीशे से ज़्यादा मत तोड़,
ये दुनिया एकदिन तुझे सलाम करेगी,
तू ख़ुद को निराशा में मत छोड़,
लाख तूफ़ां आये तेरे जीवन मे,
तू खड़ा हो,हिमालय का चद्दर ओढ़
इस जग में रोशन होता है वो,
हजारो निशा में जो करता सवेरा है।
